राजस्थान की मुख्य फसलें – Main crops of Rajasthan

राजस्थान की मुख्य फसलें 1. गेंहू (रबी) राजस्थान की मुख्य फसलें- राजस्थान में सर्वाधिक उत्पादन वाला खाद्यान्न (फसलों में) गेंहू है, जिसके उत्पादन के लिए तापमान 10° से 20° सेंटीग्रेड व वर्षा 50 से 70 सेमी एवं मिट्टी काम्पीय व दोमट अधिक उपयुक्त होती है। गेंहू की फसल को अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है। … Read more

उपखंड अधिकारी (S.D.O.) कौन होता है? एवं उनके प्रमुख कार्य

उपखंड अधिकारी (S.D.O.) जिले का राजस्व एकत्रित करने की दृष्टि से जिलों को जिन इकाइयों (सामान्यतः 1-2 तहसीलों को मिलाकर) में बांटा गया हैं इन्हें उपखंड कहा जाता है। महाराष्ट्र में राजस्व उपखंड को ‘प्रान्त’ कहा जाता है। उपखंड अधिकारी तहसीलदार से पदोन्नत होकर अथवा आर.पी.एस.सी. द्वारा राजस्थान प्रशासनिक सेवाओं से चयनित किये जाते हैं। … Read more

राजस्थान का अपवाह तन्त्र // Rajasthan’s drainage system

नमस्कार दोस्तों, आज में आपके लिए बहुत ही शानदार पोस्ट लेके आया हूं, आज की पोस्ट में हम राजस्थान का अपवाह तन्त्र – rajasthan ka apavah tantra, rajasthan ki pramukh nadiya – राजस्थान की प्रमुख नदियाँ, राजस्थान में नदी तंत्र, राजस्थान में अपवाह तंत्र के बारे में विस्तार से बात करेंगे। इस टॉपिक में से राजस्थान … Read more

राजस्थान के प्रमुख धरातलीय प्रदेश (Land of Rajasthan State)

धरातलीय विशिष्टताओं के आधार पर राजस्थान के प्रमुख धरातलीय प्रदेश को निम्नलिखित प्रमुख एवं उप-विभागों में विभक्त किया जाता है- 1. पश्चिमी मरूस्थली प्रदेश 2. अरावली पर्वतीय प्रदेश 3. पूर्वी मैदानी प्रदेश 4. दक्षिणी-पूर्वी पठार (हाडौती का पठार) 1. पश्चिमी मरूस्थली प्रदेश राजस्थान का अरावली श्रेणियों के पश्चिम का क्षेत्र शुष्क एवं अर्द्ध शुष्क मरूस्थली प्रदेश … Read more

राजस्थान की विधानसभा – गणपूर्ति व सत्र, कार्यकाल तथा प्रमुख शक्तियाँ

सामान्य परिचय:- हमारे देश में शासन व्यवस्था के लिये शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत को अपनाया गया है जिसे प्रसिद्ध राजनीति विज्ञानवेत्ता मोन्टेस्क्यु ने दिया था। यह सिद्धांत बताता है कि कानून निर्माण की शक्ति (विधायिका), उसको लागू करने की शक्ति (कार्यपालिका) तथा कानून व्यवस्था एवं न्याय-निर्णय की शक्तियां (न्यायपालिका) अलग-अलग निहित होनी चाहिए। भारत के … Read more

राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख मिट्टियाँ – Major soils of Rajasthan

राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख मिट्टियाँ :- मृदा के अध्ययन को ‘पेडोलॉजी‘ कहते है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली (ICAR) द्वारा भारतीय मिट्टियों को आठ भागों में बांटा जाता है। ये हैं- राजस्थान में पाई जाने वाली प्रमुख मिट्टियाँ 1. रेतीली मृदा/बलुई/मरुस्थलीय मृदा शुष्क प्रदेश में मिलने वाली यह मृदा केल्सियम एवं फॉस्फोरस … Read more

भारत की जलवायु एवं उसको प्रभावित करने वाले कारक

जलवायु क्या हैं? किसी स्थान की वायुमण्डलीय दशा (तापमान, वायुदाब, आर्द्रता, वायुवेग व पवन) का कुछ समय (मिनट, कुछ घण्टे या चार-पाँच दिन) के सम्मिलित रूप् को ‘मौसम’ (एक दिन में कई बार मौसम बदलता है), कुछ माह के सम्मिलित रूप् को ‘ऋतु’ तथा लम्बे समय (30 वर्षों से अधिक) के सम्मिलित रूप को ‘जलवायु’ … Read more

राजस्थानी चित्रकला की मेवाड़ शैली – Mewar School of Paintings

मेवाड़ शैली राजस्थान की सबसे प्राचीन स्कूल मानी जाती थी, जिसके अंतर्गत उदयपुर, नाथद्वारा, चावंड, देवगढ़ शैलियाँ आती हैं। मेवाड़ शैली / उदयपुर शैली यह राजस्थान की मूल व सबसे प्राचीन शैली है। मेवाड़ चित्रकला शैली पर सर्वप्रथम गुजरात क्षेत्र का प्रभाव पड़ा। इस शैली का विकास कुम्भा के शासन काल मे शुरू हुआ। इसी … Read more