राजस्थान के प्रमुख दुर्ग व किले – Rajasthan ke Durg (Part-2)

Rajasthan ke Durg in Hindi इस पोस्ट में आप राजस्थान के rajasthan ke pramukh durg के बारे में जानकारी प्राप्त करोगे हमारी ये पोस्ट Rajasthan GK की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है जो की BSTC, RAJ. POLICE, HIGH COURT, 2nd grade, 1st grade, PATWARI. REET, SSC GK, SI, पटवारी, राजस्थान पुलिस और RPSC में … Read more

राजस्थान के प्रमुख दुर्ग व किले – Rajasthan ke Durg in Hindi

Rajasthan ke Durg in Hindi इस पोस्ट में आप राजस्थान के rajasthan ke pramukh durg के बारे में जानकारी प्राप्त करोगे हमारी ये पोस्ट Rajasthan GK की दृष्टि से बहुत ही महत्वपूर्ण है जो की BSTC, RAJ. POLICE, HIGH COURT, 2nd grade, 1st grade, PATWARI. REET, SSC GK, SI, पटवारी, राजस्थान पुलिस और RPSC में … Read more

राजस्थान के लोक देवता (Lok Devta of Rajasthan)

अलौकिक चमत्कारों से युक्त एवं वीरता पूर्ण कृत्यो वाले महापुरुष राजस्थान के लोक देवता के रूप में प्रसिद्ध हुए लोक देवता से तात्पर्य उन महापुरुषों से हैं जिन्होंने अपने विरोचित कार्य तथा दृढ़ आत्मबल द्वारा समाज में सांस्कृतिक मूल्यों की स्थापना, हिंदू धर्म की रक्षा तथा जनहितार्थ अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया । पाबूजी, हड़बूजी, … Read more

राजस्थानी चित्रकला की मेवाड़ शैली – Mewar School of Paintings

मेवाड़ शैली राजस्थान की सबसे प्राचीन स्कूल मानी जाती थी, जिसके अंतर्गत उदयपुर, नाथद्वारा, चावंड, देवगढ़ शैलियाँ आती हैं। मेवाड़ शैली / उदयपुर शैली यह राजस्थान की मूल व सबसे प्राचीन शैली है। मेवाड़ चित्रकला शैली पर सर्वप्रथम गुजरात क्षेत्र का प्रभाव पड़ा। इस शैली का विकास कुम्भा के शासन काल मे शुरू हुआ। इसी … Read more

राजस्थानी चित्रकला की मारवाड़ शैली / Marwar School of Paintings

मारवाड़ शैली चित्रकला का सबसे प्रसिद्ध स्कूल है, जिसके अंतर्गत जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर, किशनगढ़, नागौर शैलियाँ आती है। जोधपुर शैली इस शैली का स्वर्ण काल राव मालदेव के शासन काल में था। इस शैली में चित्रित ‘चोखेलाव महल’ के भित्ति चित्र मालदेव की सैनिक रुचि को व्यक्त करते है जिसमें राम-रावण के युद्ध तथा सप्तसती … Read more

राजस्थानी चित्रकला – Rajasthani Painting

राजस्थानी चित्रकला का इतिहास अतीव प्राचीन है। कोटा के पास आलनियां में सीतामाता के मांडणे, भीलवाड़ा के ओझियाना में शैलचित्र तथा गरदड़ा (बूंदी) में बर्ड राइडर पेन्टिंग आदि इसके अदाहरण हैं। राजस्थान में महामारू शैली का प्रचलन गुर्जर प्रतिहार शासकों के शासन काल में हुआ। मेवाड़ रियासत राजस्थानी चित्रकला की जन्म भूमि कहलाती है। राजस्थान … Read more

राजस्थान में प्रमुख जनजाति आन्दोलन

राजस्थान में भील, मीणा, मेर, गरासिया आदि जनजातियाँ प्राचीन काल से ही निवास करती आई हैं। राजस्थान के डूंगरपुर व बांसवाड़ा क्षेत्र में भील जनजाति का बाहुल्य हैं। मेवाड़ राज्य की रक्षा में यहाँ के भीलों ने सदैव महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, इसलिए मेवाड़ राज्य के राजचिह्न में राजपूत के साथ एक धनुष धारण कीए हुए … Read more

राजस्थान और जनपद युग

300 ईसा पूर्व से 300 ई. तक आर्य युगीन संस्कृति के बाद राजस्थान में जनपदों का उदय देखने को मिलता है। उस समय की अनेक मुद्राओं, आभूषणों, अभिलेखों और खण्डहरों से हमारे इतिहास की घटनाएँ अधिक प्रमाणों पर आधारित की जा सकती है। भारत पर 326 ई. पूर्व में यूनानी राजा सिकन्दर ने आक्रमण किया। … Read more