(Political Science)राजनीति विज्ञान : परिभाषा, प्रकृति एवं क्षेत्र

Political Science:- प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक अरस्तु के अनुसार मनुष्य प्रकृति से राजनीतिक प्राणी है। प्राचीन भारतीय विचारको ने दंड नीति को बहुत अधिक महत्व प्रदान किया था। प्राचीन भारतीय चिंतकों ने विधाओं को चार भागों में विभाजित किया है- त्रयी, वार्ता,आन्वीक्षिणी एवं दंडनीति में विभाजित किया है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है वह जीवन की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति समाज में रहकर ही कर सकता है। राजनीति शास्त्र उन विज्ञान के अंतर्गत आता है, जिन्हें सामूहिक रूप से सामाजिक विज्ञान कहा जाता है एवं इसका मुख्य विषय मानव या मानव समाज होता है। मनुष्य के राजनीतिक संबंधों का अध्ययन राजनीति शास्त्र नामक विषय में किया जाता है।(Political Science)

(Political Science)राजनीति विज्ञान की परिभाषा: परंपरागत दृष्टिकोण –

  • राजनीति विज्ञान अंग्रेजी भाषा के पॉलिटिक्स(POLITICS) शब्द का हिंदी रूपांतरण है। इसकी उत्पत्ति यूनानी (ग्रीक) भाषा के पोलिस(POLIS) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ नगर राज्य से है।
  • आधुनिक समय में राजनीति का संबंध राज्य, सरकार और प्रशासन व्यवस्था के अंतर्गत समाज के विभिन्न संदर्भों व संबंधों के व्यवस्थित, क्रमबद्ध ज्ञान एवं अध्ययन से हैं ।
  • राजनीति विज्ञान की विद्वानों ने अपने अपने दृष्टिकोण एवं विचारों के अनुसार अलग-अलग परिभाषा दी है। इन परी भाषाओं को मुख्य रूप से दो दृष्टिकोण में विभाजित किया गया है। 1.परंपरागत दृष्टिकोण, 2.आधुनिक दृष्टिकोण।
  • राजनीति विज्ञान का परंपरावादी दृष्टिकोण आदर्शवादी, दार्शनिक एवं कल्पनावादी है, इसमें मूल्यों, आदर्शों एवं नैतिकता को महत्व दिया गया है।
  • परंपरागत दृष्टिकोण के अंतर्गत राजनीति विज्ञान को चार अर्थों में परिभाषित किया जाता है – 1. राज्य के अध्ययन के रूप में, 2. सरकार के अध्ययन के रूप में, 3. राज्य और सरकार के अधीन के रूप में , 4. राज्य, सरकार तथा व्यक्ति के अध्ययन के रूप में।

(Political Science)राजनीति विज्ञान की परिभाषा: आधुनिक दृष्टिकोण –

आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर राजनीति विज्ञान का अध्ययन चार प्रकार से किया जा सकता है- 1. राजनीति विज्ञान मानवीय क्रियाओं का अध्ययन है। 2.राजनीति विज्ञान शक्ति का अध्ययन है । 3.राजनीति विज्ञान राजनीतिक व्यवस्था का अध्ययन है। 4.राजनीति विज्ञान नीति निर्माण एवं निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन है।(Political Science)

1. राजनीति विज्ञान मानवीय क्रियाओं का अध्ययन हैं –

  • आधुनिक व्यवहारवादी विद्वान राजनीति विज्ञान को मुख्यतः मानव के राजनीतिक क्रियाकलापों एवं मानव जीवन के सामाजिक, आर्थिक तथा अन्य पक्षों का अध्ययन करने वाला विज्ञान मानते हैं।
  • इस मत के मुख्य समर्थक विद्वान जूविनेल तथा कैटलिन है।

2. राजनीति विज्ञान शक्ति का अध्ययन है –

आधुनिक राजनीति विज्ञानी शक्ति को राजनीति विज्ञान की मूल संकल्पना मानते हैं। इस संकल्पना के मुख्य समर्थक विद्वान मार्गेन्याऊ, रसेल,केटलिन, लासवेल,मेरियम हैं।

3. राजनीति विज्ञान व्यवस्था का अध्ययन है –

राजनीतिक व्यवस्था एक व्यापक अवधारणा है । इसमें शासन की औपचारिक संस्थाओं के साथ-साथ शासन को प्रभावित करने वाले तत्व को भी सम्मिलित किया जाता है। इस मत के मुख्य समर्थक विद्वान डेविड ईस्टन एवं आमन्ड हैं।

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4. राजनीति विज्ञान नीति निर्माण एवं निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन है –

कुछ आधुनिक राजनीति विज्ञानी राजनीति विज्ञान को विज्ञान नीति निर्माण एवं निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन करने वाला विषय मानते हैं।

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(Political Science)राजनीति विज्ञान की प्रकृति –

  • Political Science:- अनेक विद्वानों के मत के अनुसार राजनीति विज्ञान विज्ञान नहीं है। इस कारण अनेक विद्वानों ने इसके विपक्ष में तर्क प्रस्तुत किए हैं जो निम्नलिखित है – १. सर्वमान्य सिद्धांतों का अभाव। २. अध्ययन सामग्री की प्रकृति में अंतर। ३. पर्यवेक्षण एवं परीक्षण करना संभव नहीं है। ४. निश्चित एवं सास्वत नियमों का भाव। ५. भविष्यवाणी की क्षमता का अभाव। ६. राजनीतिक घटनाओं का मापन संभव नहीं है। ७. कार्य कारण के पारस्परिक संबंधों को निश्चित करना कठिन हैं। पक्ष में तर्क – १. राजनीति विज्ञान को विज्ञान की संज्ञा दी जा सकती है, यद्यपि यह प्राकृतिक विज्ञानों की बातें विज्ञान नहीं कहा जा सकता लेकिन एक समाज विज्ञान अवश्य है। २. बोंदा, हाब्स, मॉन्टेस्क्यू,लास्की, फाइनर आदि विद्वान राजनीति विज्ञान को विज्ञान के रूप में स्वीकार करते हैं। ३. राजनीति विज्ञान के विज्ञान होने के पक्ष में तर्क निम्न प्रकार से हैं –
  • क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित ज्ञान ।
  • भविष्यवाणी की क्षमता ।
  • पर्यवेक्षण एवं परीक्षण संभव।
  • वैज्ञानिक पद्धति का प्रयोग संभव ।
  • कार्य कारण में पारस्परिक संबंध ।
  • सर्वमान्य सिद्धांत ।

(Political Science)राजनीति विज्ञान का अध्ययन क्षेत्र-

राजनीति विज्ञान के अध्ययन क्षेत्र के संबंध में वर्तमान में प्रमुख दो दृष्टिकोण प्रचलित है – १.परंपरागत दृष्टिकोण एवं २.आधुनिक दृष्टिकोण ।(Political Science)

१. परंपरागत दृष्टिकोण –

  • मानव के राजनीतिक जीवन का अध्ययन
  • राज्य का अध्ययन
  • लोक प्रशासन का अध्ययन
  • अंतरराष्ट्रीय संबंधों का अध्ययन
  • अंतरराष्ट्रीय कानूनों का अध्ययन
  • राजनीतिक विचारधाराओं का अध्ययन
  • स्थानीय दर्शन व राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय समस्याओं का अध्ययन
  • राजनीतिक दलों के दबाव समूह का अध्ययन
  • कूटनीति के अध्ययन ।
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